हिम शिखरों के मध्य बसा छोटा सा कुल है अपना
प्रकृति के पावन आँचल में अंगड़ाई लेता इक सपना
जहाँ ज्ञान वृक्ष की छाया में होता अंतर्ज्ञान है
उस पुण्यभूमि का नाम डी आई टी संस्थान है
सरस्वती माँ का वंदन जहाँ नित होता आया है
जिसके छात्रों ने समाजहित हेतु संकल्प उठाया है
देश हित कुछ करने का सपना भरता जहाँ उड़ान है
उस कर्मभूमि का नाम डी आई टी संस्थान है
गुरु शिष्य की परम्परा को जहाँ निभाया जाता है
हर जातिधर्म के भेदभाव को जहाँ भुलाया जाता है
जिस कुल के प्रत्येक निवासी को मिलता उचित सम्मान है
उस धर्मभूमि का नाम डी आई टी संस्थान है
वसुधैव कुटुंबकम का मूल मंत्र जहाँ सिखाया जाता है
कर्तव्यों और मानव मूल्यों का पाठ पढ़ाया जाता है
सर्वे भवन्तु सुखिनः जहाँ होता गुंजायमान है
उस ज्ञानभूमि का नाम डी आई टी संस्थान है
विश्व स्तर पर उच्च शिक्षा का परचम लहराएँगे
अनुसंधानों के बल पर स्वर्णिम भविष्य ले आएँगे
जो वैश्विक स्तर पर श्रेष्ठ गुणवत्ता का देता सदा प्रमाण है
उस अध्ययनभूमि का नाम डी आई टी संस्थान है